Monday, March 10, 2008

हर पथ का एक कथन

हर पथ का एक कथन
हर पथ के अपनी दिशा

हर उस पथ मे है एक कहानी
उस पथ पे चाल के तू देखा तू

उस पथ का ही अपना माज
हर पथ मे सुख दुःख की बातें

हर सवान मे उजली होई है लाखोऊ बातें
चाल बस चाल येः है तेरा काम
चाल चाल की सीके गा तू अपनी विचालिती बातौ का ज्ञान

समय बलवान है साब से
समय समय पी मिलती है बातें

हर पथ की अपनी एक कहानी
हर समय की अपनी एक ज़ुबानी

एक है पथ है स्थिर सबसे
वह है तेरा मन का पथ

मन ही मन मे पथ की बातें
हर एक पथ मे छुपी है बातें

हर एक पथ की अपनी एक कहानी
हर पथ की अपनी एक रोहानी

हर पथ कुछ कहता है तेरे से
हर पथ का है अपना सा एक नाम

4 comments:

shub said...

Oh god it's good blog in hindi. I don't know how to write it in hindi. It's too tough anyway it's great. Wah wah wah!!!

Anonymous said...

its too gud... and ur hindi is really nice.. but will like to knw who inspired you for this one...

Mukesh Marwah said...

@anisha...its the phase....something come in mind so i m put in words

Unknown said...
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